Sunday, August 23, 2009

पत्नी सेवा


पत्नी सेवा में हों तत्पर,

तैयार खड़ा जो रहता है।

डिनर , लंच और ब्रेक फास्ट,

वह मनमाफिक ले लेता है।

सबसे अच्छी पत्नी सेवा,

तत्काल लाभ दे देती है।

मुस्कान प्राप्त होती दिन भर,

हर क्षुधा तृप्त कर देती है।

पत्नी खुश तो बच्चे खुश हैं,

घर शान्त हमेशा रहता है।

यह देख पड़ोसी हर गुप-चुप,

नित टिप्स पूछता रहता है।

हो पूर्ण समर्पण सेवा पर,

चर्या यह स्वयं बना लो तुम।

इन छोटी-छोटी बातों को,

बेहिचक तुरत अपना लो तुम।

पत्नी से पहले चार बजे,

बिस्तर छोड़ो और उठ जाओ।

फिर नित्य क्रिया से निपट प्रिये,

खुश्बू वाला साबुन लाओ।

वह साबुन तन पर रगड़-रगड़,

जम कर दो बार नहाओ तुम।

मुख पर अच्छी सी क्रीम लगा,

पत्नी तलवे सहलाओ तुम।

दो-चार मिलें कड़वी सुनने,

मुसका कर उनको पी जाओ।

फिर कहो डाक्टर बोला है,

जाकर दो मील टहल आओ।

फिर आँखों में आँसू लाकर,

यूँकहो मेरी सरताज हो तुम।

हट जाय फैट जाकर टहलो,

मुझपर क्योंकर नाराज हो तुम।

जब तक तुम वापस आती हो,

नीबू पानी तैयार रखूँ।

साड़ी ब्लाउज पर प्रैस मार

मैं बाथ रूम तैयार रखूँ।

जब तक तुम प्रिय नहाओगी,

मैं ब्रेकफास्ट रेडी करके।

बच्चे भेजूँगा शाला को,
उनका सब कुछ रेडी करके।
फिर गरम नाश्ता टेबिल पर,
मैं आकर ठीक लगा दूँगा।
और अपने हाथों से प्रियवर,
भर पेट तुम्हें खिलवा दूँगा।
छः बजे थकी जब आओगी,
तक गरम पकोड़े खाओगी।
जबतक देखोगी न्यूज प्रिय,
खाना टेबल पर पाओगी।
कुठ देर टहल कर मित्र संग,
घर पर वापस जब आओगी।
सोने से पहले तुम मुझसे,
दस मिनट पैर दबवाओगी।
पैर दबा वापस आकर,
मैं वहीं लुढ़क सो जाऊँगा।
फिर पुनः सुबह की सेवा को,
यूँ अपनी थकन मिटाऊँगा।
सोचो इतनी सेवा करके,
फल मीठा नही मिलेगा क्या?
इस एकनिष्ठ सेवा के प्रति,
मुझको बैकुण्ठ मिलेगा क्या?

Thursday, August 20, 2009

सुबह सवेरे उठ कर बेटा ,

हलकी कसरत करना बेटा ।

छूना पैर बड़े जितने हों ,

तभी काम कुछ करना बेटा ।

सही तरीके से ब्रश करना ,

दांत साफ़ पानी से करना ।

मुख धोलो तब जाओ नहाने ,

आकर उचित नाश्ता करना ।

कल का पढा पुनः दोहराओ ,

आज है पढना नजर फिराओ ।

फ़िर शाला की करो तैयारी ,

बैग ढंग से पूर्ण लगाओ ।

पूरी ड्रेस पहन कर आओ ,

बैग टांग कंधे पर लाओ

पंक्ति लगा बस मैं तुम चढ़ना ,

पंक्ति बना शाला मैं जाओ ।

क्लास रूम में ध्यान लगा कर ,

मन पढ़ने में खूब जमा कर।

नोट करो जो नोट कराएं ,

होम वर्क को अलग लगा कर

हो छुट्टी मत दौड़ लगाओ ,

फ़िर लाइन मैं बस पर जाओ ।

घर आए आराम से उतरो ,

दोनों और देख घर जाओ ।

करो नाश्ता माँ जो देती ,

सुनो बात भी जो वह कहती ।

होकर फ्रेश खेलने जाओ,

धमाचौकडी नही मचाओ ।

खेल खत्म कर वापस आओ,

होम वर्क सारा निबटाओ ।

खाना खा बिस्तर पर जाओ ,

करो बंद आँखें सो जाओ ।

Wednesday, August 19, 2009

आप सबको स्वतंत्रता दिवस की शुभ-कामनाएं !!

Monday, August 10, 2009

‘गंदे नाले और नाली क्या’


इस महंगाई के आलम में,


अब होली क्या दीवाली क्या।


उल्टे रेज़र से मूँड रहे,


तब रहे कहीं हरियाली क्या।


जनता तो भेड़ बिचारी है,


हर जगह हज़ामत होती है,


ये बाढ़ ग्राण्ट की कागज में,


मिटगई कहीं बदहाली क्या।


सौ रूपये किलो जब दाल मिले,


अस्सी का चावल हाटों में,


क्या हम खाऐं, बच्चे खाऐं,


और खा पाए घरवाली क्या।


सिन्थेटिक दूध मिठाई है,


सब्जी मिलती इंजेक्शन की,


इस घोर मिलावट के युग में,


कुछ मिले कहीं टकसाली क्या।


है क्लास तीसरा बच्चे का,


पर डेढ़ लाख पर ईयर फीस,


कुल बीस हजार मिलें हमको,


खाली बैठे घरवाली क्या।


रिश्वत का काला धन लेकर,


रख रहे विदेशी खातों में,


अब तुम्हीं कहो इस भारत में,


रह पायेगी खुशहाली क्या।


जाली नोटों के बण्डल अब,


चल रहे अधिकतर बैंको में,


तनखा में जितने नोट मिले,


देखो उन में हैं जाली क्या।


सरकार सरक कर चलती है,


धीरे-धीरे, मंथर-मंथर,


कैसे बन जाए सुपरफास्ट,


जिव्हा यह लालू वाली क्या।


जिस तरह भ्रूण हत्यायें कर,


तुम मार रहे कन्याओं को,


इकतरफा उगते लड़कों को,


मिल पाये कहीं घरवाली क्या।


डूबें कैसे और मरें कहाँ,


चुल्लू भर पानी मिला नहीं,


हो गए बन्द अब ’राज’ सभी,


गन्दे नाले और नाली क्या।

Sunday, August 9, 2009

अच्छा नहीं होता (डॉ.राजकिशोर सक्सेना राज)



शराफ़त का सियासत में,

’दखल’ अच्छा नहीं होता।

कि गंगा में खिले जैसे,

’कमल’ अच्छा नहीं होता।

नकल से पास होते हैं,

अधिकतर आज के बच्चे,

कोई मेहनत करे फिर हो,

’सफल’ अच्छा नहीं होता।

लफंगा जब सड़क पर,

छेड़ता हो एक अबला को,

पलट लो उस जगह कोई,

’सबल’ अच्छा नहीं होता।

पुलिस पीटे शरीफों को,

ये कसरत रोज की उनकी,

पुलिस का यूँ बनाना क्या,

’मसल’ अच्छा नहीं होता।

जो मांगे घूस में बाबू,

तो उसका हाफ झट देदो,

कहो उससे कि हक ये है,

’डबल’ अच्छा नहीं होता।

बिना शादी कोई जोड़ा,

मिले कॉन्ट्रैक्ट पर रहता,

गलत क्या क्युँ करे शादी,

’अमल’ अच्छा नहीं होता।

मियाँ-बीबी जो पकड़े पार्क में,

अदना पुलिस वाला,

सही है पार्क में मैरिड,

’कपल’ अच्छा नहीं होता।

गरीबों को बनाया रोज,

शोषण के लिए रब ने,

कि शोषण पर करे कोई,

’टसल’ अच्छा नहीं होता।

पोएट्री हो चुकी बेतुक,

कहो तुम ’राज’ बेतुक ही,

लगाना तुक मिलाने में,

’अकल’ अच्छा नहीं होता।


Saturday, August 8, 2009

"इस चुनाव में" (डॉ.राजकिशोर सक्सेना "राज")



’गुल’ जनाब खूब खिले इस चुनाव में।

चप्पल, खड़ाऊँ, शूज चले इस चुनाव में।

क्या-क्या न चली तिकड़मे पर हारना पड़ा,

उल्टे कई रिजल्ट मिले इस चुनाव में।

उम्मीद जिनकी थी नहीं, जीतेंगे क्या भला?

जमकर उन्हीं को वोट मिले इस चुनाव में।

कल तक सिखा रहे थे जमाने को जीतना,

धरती धकेल चित्त मिले इस चुनाव में।

वोटर रहे थे मौन पर, दर्पण दिखा दिया,

औकात में विशिष्ट मिले इस चुनाव में।

शक्ति का वोटरों की पता तब चला उन्हें,

तेरह रहे न तीन मिले, इस चुनाव में।

होगा बहुत ’सौदा बड़ा’ जो सोचते थे ’राज’,

’कौड़ी के तीन-तीन’ मिले, इस चुनाव में।


Saturday, August 1, 2009

आत्म परिचय


नाम - डाॅ0 राजकिशोर सक्सेना ’राज’
पिता - स्व0 के0 एल0 सक्सेना
माता - श्रीमती तारावती सक्सेना
शिक्षा - एम0 ए0 (राजनीति शास्त्र), विद्या वाचस्पति, साहित्य विशारद विशेष- राजकिशोर सक्सेना ’राज’ व्यक्तित्व एवं कृतित्व विषय पर विनायक मिशन्स विश्वविद्यालय, सेलम तमिलनाडु में एम।फिल. में शोध स्वीकृत
सेवा - वर्ष 1965 से 2005 तक उ0प्र0/उत्तरांचल पालिका केन्द्रीयित (वरिष्ठ) सेवा में विभिन्न नगर पालिकाओं में अधिशासी अधिकारी पद पर तैनाती। सम्प्रति सहायक नगर अधिकारी (सहायक नगर आयुक्त) नगर निगम देहरादून पद से 30 जून 2005 को सेवा निवृत्त।
साहित्य सेवा - पिछले बारह वर्षों से भारतीय नगर निकाय पत्रिका का सम्पादन (मुख्यसम्पादक) तथा स्वतंत्र लेखन/देश-प्रदेश की पत्र पत्रिकाओं में विभिन्न कविताएँ व कहानियाँ/लेख प्रकाशित/वर्तमान में बाल लेखन (कहानियाँ एवं कविताएँ) भी। बालवाटिका, बच्चों का देश, बालहंस, सहारा समय, उत्तरांचल पत्रिका, आदि में रचनाएं प्रकाशित तथा देहरादून से प्रकाशित पर्वत पीयूष मासिक एवं पर्वतजन, लोकगंगा, अनन्त आवाज, युववाणी (देहरादून), वाणी मासिक (इन्दौर) , छपते-छपते दैनिक कलकत्ता तथा दैनिक उत्तर उजाला, हल्द्वानी, समय साक्ष्य, लोक गंगा-देहरादून आदि में अनेक लेख एवं कविताएं प्रकाशित। राज बाल तरंगिणी नामक बाल कविता संग्रह का लोकापर्ण दिनांक 3/12/2006 को आयोजित बालसाहित्यकार सम्मेलन 2006 में (भूमिका-डाॅ0 राष्ट्रबन्धुजी,डाॅ0 रामनिवास ’मानव’ जी द्वारा) ममता बाल तंरग (बाल कविता संग्रह) का लोकार्पण पोर्ट ब्लेयर (अंडमान) में अंडमान के उपराज्यपाल महामहिम लै0 जनरल (अ0प्रा0) भूपेन्द्र सिंह द्वारा 24/05/08 को।
रूचि - बाल साहित्य के साथ हास्य कवितायें एवं ग़ज़लें, ग़ज़ल, सवय्या, दोहा आदि पद्य रचनाओं के अतिरिक्त कहानियां एवं गद्य में भी लेखन।
सम्मान - अखिल भारतीय बाल साहित्य सम्मेलन (9-10 सितम्बर 2006) बाल वाटिका मासिक भीलवाड़ा (राजस्थान) में सम्मान 14वां अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य समारोह (28-29 अक्टुबर 2006) में सम्मानित हिसार (हरियाणा) में अमृत महोत्सव (05 नवम्बर 2006) में ’मानव भारती पत्रकारिता सम्बर्द्धन सम्मान’। अखिल भारतीय बाल साहित्य संगोष्ठी(25-26 नवम्बर 2006)चन्द्रपुर (महाराष्ट्र) में सम्मानित। हिमालय और हिन्दुस्तान अ0 भा0 साहित्य सम्मेलन ऋषिकेश (30-31दिसम्बर 2006) ’पत्रकारिता एवं साहित्य सेवा सम्मान’। तथा ’आयुष स्मृति बाल साहित्यकार सम्मान-2007’, दौसा, राजस्थान से सम्मानित। हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग के तत्वाधान में आयोजित अभिनव भरत आचार्य प्रवर पं0 सीताराम चतुर्वेदी शताब्दी समारोह में देश के 100 साहित्यकारों के साथ सम्मेलन द्वारा साहित्य सेवा हेतु सम्मानित। हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा महादेवी वर्मा शताब्दी समारोह में ’महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान’। अखिल भारतीय हिन्दी सेवा संस्थान, इलाहाबाद द्वारा देहरादून में साहित्यकार सम्मान समारोह में ’साहित्य शिरोमणि सम्मान’। चतुर्थ साहित्य प्रभा राष्ट्रीय शिखर साहित्य समारोह, कौसानी (उत्तराखण्ड) में ’विद्या भूषण सम्मान’ भारती परिषद,प्रयाग द्वारा ’साहित्य-आराधन सम्मान’। 48वें तुलसी जयन्ती समारोह 2007 कानपुर में ’अनुरंजिका’ साहित्य संस्था (संयोजक डाॅ0 प्रतीक मिश्र) द्वारा प्रदत्त सारस्वत सम्मान। जैमिनी अकादमी, पानीपत हरियाणा द्वारा ’कविरत्न’ सम्मान। हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा चित्रकूट सम्मेलन (दिसम्बर 2007) में ’सारस्वत सम्मान’। देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथौरागढ़ द्वारा फरवरी 2008 में ’देवभूमि साहित्य रत्न’ से सम्मानित। मार्च 2008 में बाल कल्याण संस्थान-कानपुर (बालसाहित्य पुरोधा डाॅ0 राष्ट्रबंधु द्वारा संचालित) का बाल साहित्य समीक्षा-2008 सम्मान। साहित्य मंच भिवानी के तत्वावधान में हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा आयोजित सम्मान समारोह (19-20 अप्रैल 08) में सरस्वती सम्मान। देहरादून में साहित्य प्रभा के पांचवे शिखर सम्मान समारोह (14-15 मई 08) में साहित्यकार कुलभूषण-2008 सम्मान। कौसानी - बागेश्वर में बाल प्रहरी त्रैमासिक द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मान समारोह - 2008 में बलवन्त मनराल साहित्य श्री सम्मान। अयोध्या में हिन्दी साहित्य सम्मेलन- प्रयाग के तत्वावधान में आयोजित समारोह दिनांक 28-29 जून 2008 को शाश्वतामृत सम्मान से सम्मानित सेवाकाल में अनेक पुरस्कारों के अतिरिक्त राष्ट्रपति पदक से सम्मानित।
सहभागिता - खटीमा में 3/12/2006 एवं 11/04/09 को अखिल भारतीय बाल साहित्य समारोहों का सफल संयोजकत्व। अनुराग साहित्य समारोह, दौसा (राजस्थान) में सहभागिता। निरंकार देव सेवक जयन्ती समारोह 2006 बरेली दिनांक 18-19 जनवरी 2006 अण्डमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में उपराज्यपाल महोदय के आमंत्रण पर गये साहित्यकार शिष्टमण्डल में (दिनांक 23/05/2008 से 27/05/2008 तक) सहभागिता।
पता - धनवर्षा, तारा कालोनी, निकट हनुमान मंदिर, पीलीभीत रोड, खटीमा -262 308 ऊधम सिंह नगर (उत्तराखण्ड) फोन- 05943-252777, मो0 09412921977